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महाभारत की कथा - धारावाहिक दो - राजकुमारी विशेषांक - कथा पन्द्रह - शकुन्तला और दुष्यन्त
जनमेजय ने वैशम्पायन जी से देवताओं, दानवों आदि के जन्म की कथा सुनने के बाद कुरुवंश की उत्पत्ति की कथा सुनने की इच्छा प्रकट की। तब वैशम्पायन जी ने उसी क्रम में शकुन्तला और दुष्यन्त की कथा सुनाई। यह मूल कथा है, जिसे कालिदास ने अलग विस्तार दिया था। देखिये क्या-क्या अन्तर हमें मिलता है।
आप भी इस कथा का आनंद लें।
महाभारत की कथा - धारावाहिक दो - राजकुमारी विशेषांक - कथा पन्द्रह
कथा - शकुन्तला और दुष्यन्त
लेखन, वाचन एवं संगीत - विश्वजीत ‘सपन’