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Saturday 14 August 2021

शकुन्तला और दुष्यन्त

 सम्मानित मित्रो,

महाभारत की कथा - धारावाहिक दो - राजकुमारी विशेषांक - कथा पन्द्रह - शकुन्तला और दुष्यन्त  

जनमेजय ने वैशम्पायन जी से देवताओं, दानवों आदि के जन्म की कथा सुनने के बाद कुरुवंश की उत्पत्ति की कथा सुनने की इच्छा प्रकट की। तब वैशम्पायन जी ने उसी क्रम में शकुन्तला और दुष्यन्त की कथा सुनाई। यह मूल कथा है, जिसे कालिदास ने अलग विस्तार दिया था। देखिये क्या-क्या अन्तर हमें मिलता है।

आप भी इस कथा का आनंद लें।   

https://youtu.be/tAcyU43qRH0

    

महाभारत की कथा - धारावाहिक दो  - राजकुमारी विशेषांक - कथा पन्द्रह   

कथा - शकुन्तला और दुष्यन्त      

लेखन, वाचन एवं संगीत - विश्वजीत ‘सपन’  

Sunday 1 August 2021

सुभद्रा का हरण

 सम्मानित मित्रो,

महाभारत की कथा - धारावाहिक दो - राजकुमारी विशेषांक - कथा चौदह - सुभद्रा का हरण  

वैशम्पायन जी कहते हैं कि बारह वर्षों के लिये अर्जुन वन में रहने लगे और इसी दौरान उन्होंने अनेक स्थलों की यात्रायें कीं। हिमालय की तराई से होते हुए महेन्द्र पर्वत फिर सागर के किनारे चलते हुए प्रभास क्षेत्र में पहुँचे। तब भगवान् श्रीकृष्ण स्वयं वहाँ आकर अर्जुन को द्वारका नगरी लेकर आये। उसके बाद क्या हुआ, वो बड़ा रोचक है। आप भी इस कथा का आनंद लें।   

प्रेम की एक अद्भुत गाथा।      

इसे सुनने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें। 

https://youtu.be/hrCbciHTjhE